ऐ दोस्त तेरी याद बहुत आती है,
तन्हाई में मुझे बहुत सताती है,
किस से कहूँ अपने दिल की बात मैं.....
ये हवा भी कब तक साथ निभाती है,
ये बारिश की बूँदें ये मिटटी की खुशबु भी
मुझे तनहा देखकर मेरा मज़ाक उड़ाती हैं,
मुझे तुम से है मोहब्बत इतनी की
तन्हाई में भी मुझे तुम्हारी आवाज़ आती है,
देता है सदा कोई मुझे दूर से और
लगता है मुझे मेरा यार बुलाता है।
तन्हाई में मुझे बहुत सताती है,
किस से कहूँ अपने दिल की बात मैं.....
ये हवा भी कब तक साथ निभाती है,
ये बारिश की बूँदें ये मिटटी की खुशबु भी
मुझे तनहा देखकर मेरा मज़ाक उड़ाती हैं,
मुझे तुम से है मोहब्बत इतनी की
तन्हाई में भी मुझे तुम्हारी आवाज़ आती है,
देता है सदा कोई मुझे दूर से और
लगता है मुझे मेरा यार बुलाता है।