जिद्द पकड़के बेटा बैठे, खिलौनों के वास्ते करे रुसवाई,
दिल रखने को बेटे की, बाप ने भी कुछ तरकीब रचाई..
माँ का प्यार तो देखि थी, देख ली बाप की दिल की गहराई,
बेटे को बिठाके ईंट पर, अपने कंधे पे ईंट की बोझ उठाई..
फादर डे को मज़दूर पिता ने कुछ यूँ मनाई,
बेटे का मनोरंजन भी हुआ और बाप की भी हो गई कमाई..
दिल रखने को बेटे की, बाप ने भी कुछ तरकीब रचाई..
माँ का प्यार तो देखि थी, देख ली बाप की दिल की गहराई,
बेटे को बिठाके ईंट पर, अपने कंधे पे ईंट की बोझ उठाई..
फादर डे को मज़दूर पिता ने कुछ यूँ मनाई,
बेटे का मनोरंजन भी हुआ और बाप की भी हो गई कमाई..
No comments:
Post a Comment