एक
बार एक भिखारी, एक सेठ के घर के बाहर खडा होकर भजन गा रहा था और बदले में
खाने को रोटी मांग रहा था. सेठानी काफ़ी देर से उसको कह रही थी- रुको बाबा
रोटी लेकर आ रही हूं.
रोटी सेठानी के हाथ में थी लेकिन फ़िर भी कहती कि रुको बस अभी आ रही हूं. भिखारी रोटी की आस में भजन गाता जा रहा था. बीच-बीच में रोटी भी मांगता था.
सेठ यह सब देख रहा था पर वह समझ नहीं पा रहा था. आखिरकार उससे रहा नहीं गया तो पूछा- रोटी हाथ में लिए खडी हो, वह बाहर मांग रहा हैं. उसे कब से कह रही हो कि अभी आई. आखिर रोटी दे क्यों नही देती?
सेठानी बोली- मैं उसे रोटी दूंगी जरूर, पर मुझे उसका भजन प्यारा लग रहा है. अगर उसको तुरंत रोटी दे दी तो वह आगे चला जाएगा. मुझे उसका भजन और सुनने का मन है. इसलिए उसे रोके रखने के लिए रोटी की आस जगा देती हूं.
यदि प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नहीं सुन रहे हैं तो समझिए कि उस सेठानी की तरह प्रभु को आपकी प्रार्थना प्यारी लग रही है. इसलिए बस इंतज़ार करें और प्रार्थना करते रहें.
प्रभु आपके प्रेम की परीक्षा ले रहे हैं. जब तक आपका प्रेम पूर्ण, पवित्र और समर्पित नहीं हो जाता प्रभु बस आस जगाए रखेंगे.
जय जय श्री राधे..
रोटी सेठानी के हाथ में थी लेकिन फ़िर भी कहती कि रुको बस अभी आ रही हूं. भिखारी रोटी की आस में भजन गाता जा रहा था. बीच-बीच में रोटी भी मांगता था.
सेठ यह सब देख रहा था पर वह समझ नहीं पा रहा था. आखिरकार उससे रहा नहीं गया तो पूछा- रोटी हाथ में लिए खडी हो, वह बाहर मांग रहा हैं. उसे कब से कह रही हो कि अभी आई. आखिर रोटी दे क्यों नही देती?
सेठानी बोली- मैं उसे रोटी दूंगी जरूर, पर मुझे उसका भजन प्यारा लग रहा है. अगर उसको तुरंत रोटी दे दी तो वह आगे चला जाएगा. मुझे उसका भजन और सुनने का मन है. इसलिए उसे रोके रखने के लिए रोटी की आस जगा देती हूं.
यदि प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नहीं सुन रहे हैं तो समझिए कि उस सेठानी की तरह प्रभु को आपकी प्रार्थना प्यारी लग रही है. इसलिए बस इंतज़ार करें और प्रार्थना करते रहें.
प्रभु आपके प्रेम की परीक्षा ले रहे हैं. जब तक आपका प्रेम पूर्ण, पवित्र और समर्पित नहीं हो जाता प्रभु बस आस जगाए रखेंगे.
जय जय श्री राधे..
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